विनेश फोगाट को सिख पंथ की तरफ से बड़ा सम्मान ।
आज कुश्ती की महान खिलाड़ी ओलंपियन बहन विनेश फोगाट ने श्री दरबार साहिब, श्री अमृतसर में माथा टेका और अरदास की । उनके साथ उनके परिवार के सदस्यों के अलावा परमजीत सिंह मलिक, जोकि उनके फिटनेस ट्रेनर और नेशनल कैंप के भी अधिकारीक फ़ीजियो रहे हैं मौजूद रहे ।
विनेश फ़ोगाट को मुख्य कार्यालय, श्री दरबार साहिब, श्री हरमिंदर साहिब सिंघ साहब ज्ञानी हरप्रीत सिंघ, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रवक्ता और सिख संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने समूची सिख कौम की तरफ से सोने की बड़ी कृपाण और सोने का मेडल देकर सम्मानित किया ।
इस भेंट की सेवा जर्मनी से सरदार निर्मल सिंघ हंसपाल, सरदार अरपिंदर सिंघ, सरदार नरेंद्र सिंघ घोटड़ा, सरदार मंजीत सिंह भोगल (संपादक, पंजाब मैगजीन), सरदार जसविंदर पाल सिंघ राठ, डॉक्टर सुरजीत सिंघ, डॉक्टर लवप्रीत सिंघ और सरदार हरजोत सिंघ ने निभाई ।
इस कार्यक्रम के संयोजक की भूमिका सरदार मनोज सिंघ दूहन, यूनियनिस्ट सिख मिशन, हरियाणा और सरदार परमपाल सिंघ सबराह, एलायंस ऑफ सिख आर्गेनाइजेशन, पंजाब ने निभाई ।
इस कार्यक्रम में अमेरिका न्यूयॉर्क में रहने वाले किंग साइरस के वंशज सरदार सरबजीत सिंघ के भाई सरदार रणजीत सिंघ, प्रीतपाल सिंघ, हरियाणा से सरदार हरभजन सिंघ राठौड़ (पूर्व सीनियर सदस्य, हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी), सरदार अमरजीत सिंघ नीटू, पवन छील्लर, हितेंद्र बिरला, निर्मल सिंह जर्मनी, एडवोकेट आर्या, अमरजीत सिंह (प्रधान, बीकेयू, भगत सिंघ), डॉक्टर अमरिंदर सिंघ, यूनाइटेड सिख स्टूडेंट फेडरेशन, प्रदीप सिंघ (कौमी किसान यूनियन, पंजाब), ज्ञानी हरदीप सिंघ, आनंदपुर साहिब; सुखवर्ष सिंघ, मेंबर एसजीपीसी; रविंद्र रावत, गाजियाबाद आदि मौजूद रहे ।
इस मौके पर जत्थेदार साहब ज्ञानी हरप्रीत सिंघ जी ने कहा कि हरियाणा की बेटी विनेश फोगाट पंजाब की भी बेटी है, जिसकी सफलता पर हमें गर्व है । हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारी बेटी चैम्पियन है और चैंपियन रहेगी । हमारा सहयोग हमेशा अपनी बेटी के साथ रहेगा ।
इसके अलावा सरदार मनोज सिंघ दूहन ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत जैसे पंजाब और हरियाणा को अलग करके नहीं देख सकती, वैसे ही सिखों और जाटों को भी अलग करके नहीं देखा जा सकता ।
सरदार परमपाल सिंघ सबराह ने कहा कि जिस देश में बेटियों के साथ अन्याय होता है, उस देश की बेटी जब पूरी दुनिया में कुश्ती का परचम लहराती है, तो हमारा सिर गर्व से दोगुना ऊंचा हो जाता है ।